पैंक्रियाटिक एट्रोफी क्या है?

Brahmhomeo
3 min readDec 25, 2023

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जब किसी को पैंक्रियाटिक एट्रोफी होता है, तो इसका मतलब है कि उनका पैंक्रियास छोटा और कमजोर हो जाता है। पैंक्रियास हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो भोजन को पचाने और हमारे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब पैंक्रियास अच्छी तरह से काम नहीं करता है, तो यह हमें बीमार महसूस करा सकता है और उतना स्वस्थ नहीं रह सकता जितना हमें होना चाहिए।

पैंक्रियाटाइटिस का संक्षेप:

पैंक्रियाटाइटिस एक रोग है जो पैंक्रियास, जिसे आपके शरीर में अग्नाशय कहा जाता है, को प्रभावित करता है। यह अग्नाशय अमाशय से होकर आयतित होता है और इसका मुख्य कारण आत्मप्रतिरक्षा प्रणाली की असमर्थन हो सकती है, जिससे अग्नाशय में सूजन और क्षय हो सकता है। यह रोग बार-बार अपाशय स्थिति को दूर करने वाले इंजेक्शन, अत्यधिक अल्कोहल सेवन, या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं।

पैंक्रियाटाइटिस के प्रकार:

1. अकूट पैंक्रियाटाइटिस:
- इसमें रोगी को तेज दर्द होता है और यह आकस्मिक रूप से शुरू होता है।
- इसके कारणों में शामिल हो सकते हैं अत्यधिक अल्कोहल सेवन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, और गैस्ट्राइटिस जैसी बीमारियाँ।

2. क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस:
- इसमें दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है और इसमें अधिक शिकायतें आती हैं। — इसके कारणों में शामिल हो सकते हैं अधिक अल्कोहल सेवन, डायबीटीज, और स्मोकिंग जैसी बीमारियाँ।

पैंक्रियाटिक एट्रोफी के लक्षण:

1. दर्द उच्च पेट में जो लौटता रहता है
2. उल्टी या मतली
3. पेट में सूजन
4. त्वचा का पीला पड़ना

क्या क्रोनिक एट्रोफी पैन्क्रियाटाइटिस ठीक हो सकता है?

आप एट्रोफी से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर ऑट्रॉफिक स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है

जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है।

पैंक्रियाटिक एट्रोफी को कैसे दूर करें?
पैंक्रियाटिक एट्रोफी के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है?
एट्रोफी पैन्क्रियाटाइटिस कैसे शुरू होता है?

पैंक्रियाटिक एट्रोफी का उपचार:

1. दर्द की आपूर्ति:
- डॉक्टर की सलाह पर दर्द नियंत्रण के लिए दवाएँ ली जाती हैं।

2. अत्यधिक अल्कोहल और स्मोकिंग से बचाव:
- यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे रोग का उपचार किया जा सकता है।

3. आहार में परिवर्तन:
- डॉक्टर द्वारा सुझाए गए आहार में परिवर्तन का पालन करें, जैसे कि तेल-मसाला से बचाव।

पैंक्रियाटिक एट्रोफी के लिए आहार योजना:

1. साबुत अनाज़:
- ब्राउन राइस, ओट्समील, और जोवार का रोटी जैसे साबुत अनाज़ का उपयोग करें।

2. लीन प्रोटीन:
- सोया,दल, पनीर, और मौसमी जैसे लीन प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें।

3. सब्जियाँ और फल:
- सीताफल, लौकी, तरबूज, तरबूज, गाजर, और मौसमी जैसे फल और सब्जियाँ सेवन करें।

4. हेल्दी फैट्स:
- ऑलिव ऑयल और अवोकाडो जैसे हेल्दी फैट्स का सेवन करें।

5. पानी:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण है।

कृपया ध्यान दें कि यह एक सामान्य आहार योजना है और इसे अपने चिकित्सक से सुनिश्चित करने के लिए पहले सुनिश्चित करें। अधिक आहार योजना के लिए ब्रह्म होमियोपैथी संपर्क करें। इस नंबर पर 9429065457 / 9998770086 याह फिर अपॉइंटमेंट बुक करे इस लिंक पर https://www.brahmhomeo.com/book-appointment

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Written by Brahmhomeo

DR PRADEEP KUSHWAHA (Consulting Homeopath, Counsellor, Lecturer, Researcher and Health Guide) M.D.(Medicine), M.D.(A.M.) B.H.M.S. PG(Homeo) — LONDON. Reg.

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